उसकी बातो में
लगने लगा हे
बहुत कुछ
बनाव इन दिनों.
किसी और की
गली से
गुजरने लगे हे
उसके पावं इन दिनों.
मागने लगा हे
कोई और
उसके जुल्फों की
छाव इन दिनों.
हाँ चर्चे हे
उसके एक और
अफएर के
गाँव में
इन दिनों.
इन दिनों.
हो न हो
वो सवार हे
प्रेम की
दो नाव में इन दिनों.
सुधीर मौर्या 'सुधीर'
गंज जलालाबाद, उन्नाव
२४१५०२
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