पिछले कई दिनों से
सूरत लगती थी उसकी
कुम्हलाई हुई इ
अक्सर दिखती थी
वो घबराई हुई सी.
कम हो गया था
उसका कालेज जाना
वो शरारतें उसकी
वो मुस्कराना.
तब्दीलियाँ आने लगी थी
डूबे रहते थे आजकल
नेंन, नीर में उसके
खो दिया था उसने
अपना कुछ तो
समर्पित करना था उसे
सुहाग सेज पे जिसको.
खाया था उसने
हो न हो
प्रेम में फरेब
किसी से इन दिनों.
'हो न हो' से..
expression
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सुधीर जी.....
शुभकामनाएं.